एक निश्चय कर लो और फिर जीते जी उसी पर अमल करते रहो तो तुम्हें सफलता की प्राप्ति अवश्य हो जाएगी

ये सामाजिक जीवन का कटु सत्य है कि जो हमारे पास वो हमें अच्छा नहीं लगता और जो किसी और के पास है वह सदैव आकर्षित करता है। किंतु ये भी उतना बड़ा सत्य है कि जो हमारे पास है यदि उसी पर focussed होके उसे निखारा और तारासा जाए तो जीवन सफल बन जाए

एक लड़के ने एक बार एक बहुत ही धनवान व्यक्ति को देखकर धनवान बनने का निश्चय किया| वह धन कमाने के लिए कई दिनों तक महनत कर धन कमाने के पीछे पड़ा रहा और बहुत सारा पैसा कमा लिया| इसी बिच उसकी मुलाकात एक विद्वान से हो गई| विद्वान के एश्वर्य को देखकर वह आश्चर्यचकित हो गया और अब उसने विद्वान बंनने का निश्चय कर लिया और अगले ही दिन से धन कमाने को छोड़कर पढने-लिखने में लग गया| वह अभी अक्षर ज्ञान ही सिख पाया था की इसी बिच उसकी मुलाकात एक संगीतज्ञ से हो गई| उसको संगीत में अधिक आकर्षण दिखाई दिया, इसीलिए उसी दिन से उसने पढाई बंद कर दी और संगीत सिखने में लग गया|
इसी तरह काफी उम्र बित गई, न वह धनि हो सका ना विद्वान और ना ही एक अच्छा संगीतज्ञ बन पाया| तब उसे बड़ा दुख हुआ| एक दिन उसकी मुलाकात एक बहुत बड़े महात्मा से हुई| उसने महात्मन को अपने दुःख का कारन बताया| महात्मा ने उसकी परेशानी सुनी और मुस्कुराकर बोले, “बेटा ! दुनिया बड़ी ही चिकनी है, जहाँ भी जाओगे कोई ना कोई आकर्षण ज़रूर दिखाई देगा| एक निश्चय कर लो और फिर जीते जी उसी पर अमल करते रहो तो तुम्हें सफलता की प्राप्ति अवश्य हो जाएगी नहीं तो दुनियां के झमेलों में यूँ ही चक्कर खाते रहोगे| बार-बार रूचि बदलते रहने से कोई भी उन्नत्ति नहीं कर पाओगे

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