जूनागढ़ एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को मिला गिर की गायों के मूत्र के सैंपल में सोना

डॉक्टर गोलाकिया ने कहा, 'अब तक हमने गाय के मूत्र में सोने की मौजूदगी और इसके चिकित्सीय गुणों के बारे में हमारे प्राचीन ग्रंथों से सुना था. इस बात को प्रमाणित करने के लिए कोई विस्तृत वैज्ञानिक विश्लेषण मौजूद नहीं था इसलिए हमने गांव के मूत्र पर रिसर्च करने का निर्णय लिया. हमने गिर गाय के मूत्र के 400 सैंपल्स का विश्लेषण किया और उसमें सोने का अंश मिला.'

गोलाकिया ने कहा कि गाय के मूत्र में पाए जाने वाले सोने को निकाला जा सकता है और केमिकल प्रक्रिया से उसे ठोस बनाया जा सकता है. दिलचस्प बात ये है कि इन वैज्ञानिकों ने न सिर्फ गायों बल्कि भैंसों, भेड़ों और बकरियों के मूत्र के सैंपल का भी विश्लेषण किया लेकिन सोना सिर्फ गाय के मूत्र में ही मिला. साथ ही इन जानवरों में से सिर्फ गाय के मूत्र में ही एंटी-बायोटिक तत्व पाए गए.
गिर की गायों के मूत्र में पाए गए 5100 तत्वों में से 388 तत्व औषधीय रूप से जबर्दस्त कीमती हैं और इनसे कई असाध्य बीमारियां ठीक हो सकती हैं. गिर की गायों के मूत्र के सैंपल का विश्लेषण करने के बाद अब जेएयू के वैज्ञानिक देश की सभी 39 देशी प्रजातियों की गायों के मूत्र के सैंपल्स का विश्लेषण करेंगे.
क्या होती है गिर गाय की खासियतः
गिर की गायें गुजरात के गिर के जंगलों और सौराष्ट्र में पाई जाती हैं. इन्हें इनकी मजबूत कद-काठी और गायों की अन्य प्रजातियों से कहीं ज्यादा दूध देने के लिए जाना जाता है. इन गायों की डिमांड इतनी ज्यादा है कि एक गिर गाय की औसत कीमत 60 हजार रुपये से शरू होती है जो कई बार लाखों में भी चली जाती है.
गिर गाय एक लैक्टेशन (दूध देने) चक्र के दौरान अधिकतम 5 हजार लीटर तक दूध दे सकती है, जोकि औसतन 2000 से 2500 लीटर तक होता है. हाल ही में गिर गायें तब चर्चा में आई थीं जब गुजरात ने इन्हें मध्य प्रदेश को देने से मना कर दिया था. इससे पहले गुजरात सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद गिर के शेरों को भी मध्य प्रदेश को देने से मना कर चुका है
साभार:_ https://www.google.co.in/amp/s/www.ichowk.in/lite/society/scientists-found-gold-in-gir-cow-urine/story/1/3738.html


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